क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को..
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!
कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती…
दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है..!!
जिसको तलब हो हमारी, वो लगाये बोली,
सौदा बुरा नहीं… बस “हालात” बुरे है..!!
मैं भी खरीददार हूं मैं भी खरीदूंगा..
प्यार कहां बिकता है पता बताना यारों..!!
उन लोगों की उम्मीदों को कभी टूटने ना दे..!!
जिनकी आखरी उम्मीद सिर्फ आप ही है..!!
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!!
तेरी ज़िन्दगी में ना सही…
पर तारीख में तो आज भी 13 ही हूँ..!!
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों,
दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो..!!
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